MP 68th Foundation Day: मध्य प्रदेश के 68वें स्थापना दिवस (MP 68th Foundation Day) पर प्रदेश में उत्सव की तैयारी हो रही है। आज यानि की 1 नवंबर को ये दिवस मनाया जाएगा। हर बार की तरह इस साल भी इस कार्यक्रम को लेकर बीजेपी कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी। चुनावी साल होने की वजह से इस बार का कार्यक्रम काफी दिलचस्प होने वाला है। इस मौके पर हम जानते हैं कि आखिर 34 महीनों में प्रदेश का गठन कैसे हुआ?
जानें पूरा कार्यक्रम क्या होगा?
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस प्रति वर्ष की भाँति इस वर्ष भी 1 नवम्बर को मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर राष्ट्र-गीत वंदे-मातरम,राष्ट्र-गान “जन गण मन” एवं मध्यप्रदेश गान का सामूहिक गायन 11 बजे मंत्रालय स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में होगा। इस अवसर पर संस्कृति विभाग की टीम द्वारा देश भक्ति गीतों की प्रस्तुति भी दी जायेगी। इसमें मंत्रालय, सतपुड़ा एवं विंध्याचल भवन के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं विभागाध्यक्षों को उपस्थित रहने के निर्देश दिये हैं। साथ ही आपको बता दें कि इस दिन पर देश के पीएम मोदी और कई बड़े राजनेताओं ने बधाई दी।
मध्य प्रदेश के अपने सभी परिवारजनों को राज्य के स्थापना दिवस पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। विकास की नित-नई ऊंचाइयों को छू रहा हमारा मध्य प्रदेश अमृतकाल में देश के संकल्पों को साकार करने में अहम योगदान दे रहा है। मेरी कामना है कि यह राज्य प्रगति के पथ पर यूं ही निरंतर अग्रसर रहे।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 1, 2023
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के शुभअवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
कभी हम बीमारू थे, लेकिन आज सुचारू हैं। ये यात्रा निरंतर आगे बढ़ती रहेगी और वह समय दूर नहीं जब मध्यप्रदेश हर क्षेत्र में देश का नम्बर 1 राज्य होगा।
आइए हम सब मिलकर समृद्ध, विकसित और आत्मनिर्भर… pic.twitter.com/PlF9dlypM0
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 1, 2023
चार राज्यों से मिलकर बना था एमपी
मध्य प्रदेश का निर्माण सीपी एंड बरार, मध्य भारत ( ग्वालियर-चंबल ), विंध्यप्रदेश और भोपाल से मिलकर हुआ था। इसके लिए आजाद भारत में राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया। आयोग के पास उत्तर प्रदेश के बराबर बड़ा राज्य बनाने की जिम्मेदारी थी, क्योंकि इसे महाकौशल, ग्वालियर-चंबल, विंध्य प्रदेश और भोपाल के आसपास के हिस्सों को मिलाकर बनाना था।
इन्होंने दिया था नाम
आयोग को सभी सिफारिशों पर विचार-विमर्श करने में करीब 34 महीने यानी ढाई साल लग गए। आखिरकार तमाम बाधाओं के बाद आयोग ने अपनी रिपोर्ट जवाहरलाल नेहरु के सामने रखी। तब उन्होंने इसे मध्यप्रदेश नाम दिया और 1 नवंबर 1956 को मध्यभारत के तौर पर पहचाना जाने लगा।