बीते मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के जरूरी दिशा-निर्देश दिए. वहीं इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सेफ सिटी परियोजना का विस्तार के कार्ययोजना का अवलोकन करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन की दिशा में यह उपयोगी सिद्ध हो रही है.
सुरक्षा उपायों को लागू करने में मिली है सहायता
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अन्तर्गत मॉडर्न कंट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केन्द्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है. अब हमें इसे और विस्तार देना होगा
सेफ सिटी पोर्ल का करना होगा विकास
इस बैठक में सेफ सिटी के विकास करने के निर्देश दिए गए आपको बता दें कि इस पोर्टल के साथ ऐसे विभागों को जोड़ा जाएगा जिनके द्वारा महिला, बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के हित में कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है, लोगों तक इस बात को पहुंचाने के लिए सड़क किनारे प्रचार प्रसार के लिए होर्डिंग स्टैंड/यूनिपोल आदि को ‘स्मार्ट सिटी’ की तर्ज पर व्यवस्थित किए जाने के निर्देश दिए इसी के साथ एक प्रदेशव्यापी अभियान चलाकर सभी नगरों में डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं. अवैध होर्डिंग स्टैंड कतई न हों. इन्हें तत्काल हटाया जाए. छह आधुनिक डिस्प्ले स्थानीय निकायों के लिए राजस्व संग्रह का साधन भी बनेंगे.
सेफ सिटी के रुप में विकसित किया जाए
आपको बता दें कि इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी 17 निगमों और गौतमबुद्ध नगर को सेफ सिटी के रुप में विकसित किया वहीं दूसरे चरण में 57 जनपद के मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को और फिर तीसरे चरण में 143 नगर पालिकाओं को सेफ सिटी परियोजना से जोड़ने का निर्देश इस बैठक में दिया गया
उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक सेफ सिटी वाला पहला राज्य होगा
वहीं इन नगरों के प्रवेश द्वार पर ही सेफ सिटी का बोर्ड औऱ इसकी ब्रांडिंग भी की जानी चाहिए इस तरह उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक सेफ सिटी वाला पहला राज्य होगा वहीं बैठक में आपको बता दें कि पहले चरण का काम तीन महीने के अंदर पूरा करने के निर्देश दिए गए है.
ई-रिक्शा के लिए रुट तय किया जाए
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने ई-रिक्शा टैक्सी ऑटो, टेम्पो आदि के चालकों का पुलिस वेरिफिकेशन करवाने की बात कही वहीं शहरो में ई-रिक्शा के लिए अलग से रुट तय करने के भी निर्देश इस बैठक में दिए गए है. किरायदार से संबंधित पुलिस को पूरी जानकारी हो ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए.