पटना:
बिहार में आखिर चल क्या रहा है? वोटर लिस्ट को लेकर हंगामा थमता नजर नहीं आ रहा है तो वही इस बार तेजस्वी यादव और चुनाव आयोग आमने-सामने हैं। एक तरफ तेजस्वी यादव ने कहा मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं है। चुनाव आयोग ने कहा बिल्कुल है। तेजस्वी ने EPIC नंबर दिखाया तो आयोग ने दूसरा नंबर थमा दिया। सवाल उठ रहा है क्या तेजस्वी यादव जनता को गुमराह कर रहे हैं या उनको अपने ही वोटर कार्ड की सही जानकारी नहीं पता है? तो वही चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है और तय समयसीमा के भीतर लिखित जवाब देने को कहा है।
बिहार की राजनीति में इस वक्त एक नया हंगामा मचा हुआ है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद (RJD) नेता तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन पर दो अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड रखने का आरोप लगा है, जिसे लेकर पटना के दीघा थाने में एक वकील ने शिकायत दर्ज कराई है। दीघा थाना क्षेत्र के रहने वाले वकील राजीव रंजन ने पुलिस को एक आवेदन दिया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि तेजस्वी यादव ने नियमों का उल्लंघन करते हुए दो अलग-अलग ‘एपिक नंबर’ EPIC नंबर—RAB0456228 और RAB2916120 रखे हैं। जिसे लेकर राजनीति गरमा गई है और बयानबाजियों का दौर जारी है।
तेजस्वी के बचाव में आए पप्पू यादव
निर्दलीय सांसद, पप्पू यादव, जो अक्सर तेजस्वी यादव का विरोध करते हैं, अब उनके बचाव में आ गए हैं. चुनाव आयोग द्वारा तेजस्वी को नोटिस दिए जाने पर पप्पू यादव ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के प्रवक्ता की तरह काम कर रहा है और वही नोटिस भेजता है जो भाजपा कहती है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को पहले यह बताना चाहिए कि उसने कितने लोगों के नाम मतदाता सूची से काटे हैं।
पप्पू यादव ने चुनाव आयोग पर लगाए आरोप
पप्पू यादव ने चुनाव आयोग को ‘अलाउद्दीन का चिराग’ बताते हुए कहा कि यह बिल्कुल गलत है कि वह जो चाहे, वह कर दे. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में बहुत भ्रम फैलाते हैं और इसी वजह से ऐसी चीजें होती हैं. पप्पू यादव ने कहा कि तेजस्वी को भेजा गया नोटिस गलत है और कभी-कभी किसी के मुंह से कोई बात गलती से निकल जाती है।
गिरीराज सिंह का तेजस्वी पर हमला
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तेजस्वी यादव पर दो वोटर आईडी कार्ड रखने के मामले में चुनाव आयोग द्वारा नोटिस जारी किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने तेजस्वी यादव और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे दोनों झूठे हैं और सिर्फ भ्रम फैलाते हैं। गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव ने झूठ बोलते-बोलते अपने वोटर कार्ड पर भी झूठ बोला है और चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक संस्थान को भी नहीं बख्शा है। उन्होंने कहा कि जो खुद को भावी मुख्यमंत्री मानते हैं, अगर वे इतने निचले स्तर पर जाकर झूठ बोलेंगे और भ्रम फैलाएंगे, तो संस्थान उन पर कानूनी कार्रवाई जरूर करेगा।
तेजस्वी पर लगे ये आरोप
शिकायतकर्ता राजीव रंजन ने अपने आवेदन में कहा है कि तेजस्वी यादव दीघा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता हैं, लेकिन उन्होंने दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र बनवाए हैं, जो कि चुनाव कानूनों का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने पुलिस से इस मामले की गंभीरता से जांच करने और तेजस्वी यादव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है
चुनाव आयोग ने मांगा स्पष्टीकरण
तेजस्वी यादव ने पहले इस विषय पर कहा था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटाया गया है, लेकिन आयोग ने यह दावा निराधार बताया है और कहा है कि उनका नाम अब भी मसौदा मतदाता सूची में दर्ज है चुनाव आयोग ने भी तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर इस पूरे मामले पर जवाब मांगा है. आयोग ने उनसे इस आरोप पर स्पष्टीकरण देने को कहा है पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो तेजस्वी यादव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि दो वोटर आईडी कार्ड रखना एक गंभीर अपराध है।
चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि तेजस्वी का नाम वोटर लिस्ट में है वही बूथ वही पता और वही पहचान है। इसके बावजूद तेजस्वी लगातार सवाल उठा रहे हैं कि अगर मेरा EPIC नंबर बदल दिया गया तो कितनों को बदला होगा। पटना के डीएम ने भी मोर्चा संभाला और कहा कि तेजस्वी का नाम पूरी तरह से वैध है और उनका दावा बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि लोग खुद ऑनलाइन वोटर लिस्ट चेक करें। कोई भी भ्रम की जरूरत नहीं है। अब देखना ये होगा होगा कि क्या यह सिर्फ एक पॉलिटिकल स्टंट था? या इसके पीछे कुछ और भी हो सकता है।लेकिन एक बात तो तय है इस बार का चुनावी मौसम सिर्फ रैलियों और नारों तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि इसकी आंच वोटर लिस्ट और एपिक नंबरों की जांच तक भी पहुंच चुकी है।