19 अगस्त 2025 को व्हाइट हाउस में हुई बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण चर्चा की। ट्रंप ने कहा कि युद्ध का भविष्य एक से दो सप्ताह में तय हो सकता है, और इसके लिए एक और बैठक होगी। उनकी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अप्रत्यक्ष रूप से बात की और बैठक के बाद फोन पर भी चर्चा करने की योजना बनाई। ट्रंप ने एक त्रिपक्षीय वार्ता (अमेरिका, रूस, यूक्रेन) आयोजित करने की संभावना जताई, जिससे युद्ध समाप्त हो सकता है, लेकिन अगर यह नहीं हुई तो युद्ध जारी रह सकता है।
ट्रंप ने शांति संधि पर दिया जोर
ट्रंप ने युद्धविराम को अस्थायी समाधान बताते हुए स्थायी शांति संधि पर जोर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा मुझे नहीं लगता कि सीजफायर होगा। ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया। ट्रंप ने कहा कि मैं अगर राष्ट्रपति होता को जंग शुरू नहीं होती। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को अमेरिका और यूरोपीय देशों से सुरक्षा गारंटी मिलेगी, लेकिन नाटो में यूक्रेन की सदस्यता पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका नाटो को हथियार बेचेगा, नाटो चाहे तो हथियार यूक्रेन को दे. हम यूरोप की जंग में मदद करेंगे।
अब तक की सबसे अच्छी बातचीत- जेलेंस्की
जेलेंस्की ने इस मुलाकात को अब तक की सबसे अच्छी बातचीत बताया और त्रिपक्षीय वार्ता के लिए सहमति जताई। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन ट्रंप के साथ त्रिपक्षीय बैठक करके खुश होगा. हम सुरक्षा गारंटी के बारे में और बात करेंगे। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि अमेरिका इतना मजबूत संकेत दे और रूस सुरक्षा गारंटी के लिए तैयार हो. उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी अमेरिका और यूरोपीय देशों पर है।
जेलेंस्की-ट्रंप के साथ बैठक में कौन-कौन?
बैठक में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, और नाटो महासचिव मार्क रूट शामिल थे। ट्रंप ने पुतिन और जेलेंस्की के बीच जल्द ही मुलाकात की तैयारियों की घोषणा की, जिसके बाद त्रिपक्षीय वार्ता हो सकती है। यह मुलाकात शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, और सभी पक्ष स्थायी शांति के लिए प्रतिबद्ध दिखे।