Vice President Election : उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर 2025 को होने वाला है, जिसे लेकर सियासी सरगर्मी चरम पर है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन (C P Radhakrishnan) को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। राधाकृष्णन का चयन रणनीतिक है, क्योंकि उनके पास आरएसएस (RSS) का मजबूत पृष्ठभूमि, कोयंबटूर से दो बार सांसद रहने का अनुभव और तमिलनाडु से जुड़ाव है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में ये कदम एनडीए (NDA) की दक्षिण भारत में स्थिति को मजबूत करने की कोशिश है। सोमवार को राधाकृष्णन दिल्ली पहुंचे, जहां दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
इन तीन नामों की हो रही चर्चा?
दूसरी ओर, कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी इंडिया गठबंधन अभी अपने उम्मीदवार की घोषणा करने वाला है। आज दोपहर 12:30 बजे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर सभी विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है, जहां उम्मीदवार के नाम पर अंतिम फैसला होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन तीन नामों पर विचार कर रहा है। इन नामों में चंद्रयान-1 मिशन के नेतृत्वकर्ता और इसरो (ISRO) के पूर्व वैज्ञानिक मैलस्वामी अन्नादुरई, तमिलनाडु से डीएमके सांसद तिरुचि सिवा, और महात्मा गांधी के परपोते व इतिहासकार तुषार गांधी का नाम शामिल है। इसके अलावा, महाराष्ट्र से एक दलित बुद्धिजीवी के नाम पर भी चर्चा हो रही है। विपक्ष इस चुनाव को लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई के रूप में पेश करना चाहता है, ताकि बीजेपी के खिलाफ वैचारिक संघर्ष को मजबूती मिले।
NDA के पास है मजबूत समर्थन
उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोट डालते है । ऐसे में संसद के दोनों सदनों में कुल 786 इलेक्टोरल सदस्य है इनमें से यदि सभी सदस्य वोट डालते हैं तो किसी कैंडिडेट को जीतने के लिए 394 सदस्यों का वोट चाहिए होगा। लोकसभा में एनडीए के पास 293 सदस्य और राज्यसभा में 129 सांसदों का समर्थन है। जिससे वह मजबूत स्थिति में है। फिर भी, इंडिया गठबंधन एक साझा और मजबूत उम्मीदवार उतारकर विपक्ष को एकजुट करने और कुछ एनडीए सहयोगियों को प्रभावित करने की कोशिश में है। यह रणनीति न केवल जीत के लिए है, बल्कि एकता और वैचारिक विरोध का संदेश देने के लिए भी है। बैठक के बाद इंडिया गठबंधन की ओर से आधिकारिक उम्मीदवार की घोषणा होने की उम्मीद है, जो इस हाई-प्रोफाइल चुनावी मुकाबले को और रोचक बना देगा।