नई दिल्ली। देश में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार जितना बड़ा हो रहा है, उतनी ही तेजी से इसका सामाजिक प्रभाव भी चिंता बढ़ा रहा है। संसद में पेश किए गए चार बिलों में से एक बिल ऑनलाइन गेमिंग के नियमन से जुड़ा है जिसका पूरा नाम है प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025। ये बिल बुधवार को लोकसभा में पेश भी हुआ और पारित भी करा लिया गया । ये बिल उनसे जुड़ा है जिनके हाथ में मोबाइल है ऐसे में जब ये बिल कानून बन जाएगा तो ऑनलाइन गेम खेलने वालों को जेल भी जाना पड़ सकता है और जुर्माना भी देना पड़ेगा।
90 करोड़ घंटे हर दिन!
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर दिन लोग मिलकर 90 करोड़ घंटे सिर्फ ऑनलाइन गेम्स खेलने में बर्बाद कर रहे हैं। यह समय अगर जोड़ा जाए तो यह एक दिन में “1 लाख साल” के बराबर बनता है। 1 लाख साल का मतलब आप समझ रहे है यानी भारतीय अपना पूरा समय ऑनलाइन गेम खेलने में बर्बाद कर रहा है।
क्यों ज़रूरी है ये कानून?
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इस कानून का मकसद समाज को बर्बादी और आत्महत्याओं से बचाना है, न कि राजस्व की चिंता करना। उन्होंने ऑनलाइन गेमिंग को नशे की तरह बताया, जो लोगों को नुकसान पहुंचाता है। देश में करोड़ों लोग मोबाइल फोन से गेम्स खेलते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में छात्र, बेरोजगार युवा और यहां तक कि कामकाजी लोग भी शामिल हैं। इनका कीमती समय न केवल बर्बाद हो रहा है, बल्कि मानसिक तनाव और व्यसन जैसी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। केंद्र सरकार ऑनलाइन गेमिंग, विशेष रूप से पैसे से जुड़े गेम्स को नियंत्रित करने के लिए एक नया कानून ला रही है। इसके लिए एक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा और एक स्कीम भी शुरू होगी। यह कदम लोगों की हजारों शिकायतों और विभिन्न राज्यों के अनुरोध के बाद उठाया जा रहा है। हालांकि, इस कानून को लागू करने की जिम्मेदारी पूरी तरह राज्यों पर होगी
बिल में क्या प्रावधान है?
नए कानून के तहत ऑनलाइन गेमिंग में धोखाधड़ी करने या गाइडलाइन तोड़ने पर जेल और जुर्माने का प्रावधान होगा। बिल में खासतौर पर युवाओं और बच्चों को इस लत से बचाने की बात कही गई है। इस कानून के लागू होने के बाद गूगल प्ले स्टोर से पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स डाउनलोड नहीं किए जा सकेंगे। जो कंपनियां इस तरह के गेमिंग ऐप्स चलाएंगी, उन्हें 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और 3 साल तक की जेल हो सकती है। ऐसे ऐप्स का प्रचार करने वाले स्टार्स को 50 लाख रुपये तक का जुर्माना और 2 साल की जेल की सजा हो सकती है।
पैसे से जुड़े गेम्स में ट्रांजेक्शन सुविधा देने वालों को भी 1 करोड़ रुपये का जुर्माना और 3 साल की जेल का प्रावधान है। गेम खेलने वालों को कोई सजा नहीं होगी, केवल गेम संचालकोंऔर प्रचारकों पर कार्रवाई होगी। सरकार ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देगी, क्योंकि ये दिमागी विकास और बच्चों में नेतृत्व क्षमता को बढ़ाते हैं। नए कानून के लागू होने तक ऑनलाइन गेमिंग की मौजूदा व्यवस्था चलती रहेगी।
हालांकि इस कानून से सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो सकता है, लेकिन सरकार का कहना है कि वह इसकी जगह ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देकर नौकरियां पैदा करेगी।यह कानून समाज को नशे जैसे गेमिंग के दुष्प्रभाव से बचाने और जिम्मेदार गेमिंग को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
क्या आप भी लत में हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आपको दिनभर में 2-3 घंटे से ज्यादा गेम खेलने की आदत है, तो यह सिर्फ टाइम पास नहीं, एक गंभीर आदत है। समय रहते सतर्क होना जरूरी है।