प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यूनाइटेड किंगडम की यात्रा पर रवाना होंगे। इस दौरान वह अपने ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर के साथ चर्चा करेंगे और किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी की ब्रिटेन की यह चौथी यात्रा होगी। ब्रिटेन की यात्रा का मकसद भारत और ब्रिटेन के बीच रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करना है। इस दौरान दोनों देशों के बीच FTA पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर होने की संभावना है।
विदेश सचिव ने दी जानकारी
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच इस संबंध में सहमति मई 2025 में ही बन चुकी थी। मिसरी के अनुसार, भारत-ब्रिटेन एफटीए एक बेहद महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौता होगा, जिससे दोनों देशों को आर्थिक लाभ मिलेगा। हालांकि, अब भी कुछ कानूनी और टैरिफ संबंधी मुद्दों पर बातचीत जारी है। मिसरी ने कहा कि बहुत कम उत्पादों को ही शुल्कीय ढांचे से बाहर रखा जाएगा और अधिकतर उत्पादों पर करों में रियायत दी जाएगी।
दूसरे चरण में मालदीव की यात्रा
अपनी यात्रा के दूसरे चरण में, प्रधानमंत्री मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू के निमंत्रण पर 25 से 26 जुलाई तक मालदीव की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री 26 जुलाई को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के समारोह में ‘मुख्य अतिथि’ होंगे। श्री मोदी राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के साथ बैठक करेंगे और बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि मालदीव भारत की पड़ोसी प्रथम नीति और विज़न “महासागर” में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भागीदार है।
इस दौरे के दौरान एक और अहम मुद्दा रूस से तेल और ऊर्जा की खरीद पर लगे प्रतिबंध का रहेगा। यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने हाल ही में रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें ऊर्जा कीमतों पर नियंत्रण और कुछ कंपनियों पर सीधा प्रतिबंध शामिल है।
माना जा रहा है कि यह दौरा भारत-ब्रिटेन संबंधों को नई दिशा देगा और दोनों देशों के बीच व्यापार व निवेश के नए अवसरों के द्वार खोलेगा। साथ ही, एफटीए पर सहमति से दोनों अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिलेगी और द्विपक्षीय संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे।