Supreme Court Today Hearing News : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार यानी 22 अगस्त को एक बेहद महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिससे पशु प्रेमियों और डॉग लवर्स को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि देशभर में आवारा कुत्तों को अब शेल्टर होम में बंद नहीं किया जाएगा। यह निर्णय पूरे देश के लिए लागू होगा और सभी राज्य सरकारों को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है।
कोर्ट ने अपने निर्देश में यह स्पष्ट किया कि जो कुत्ते पहले से ही शेल्टर होम में रखे गए हैं, उन्हें नसबंदी और आवश्यक टीकाकरण के बाद उसी इलाके में वापस छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें पकड़ा गया था। इस आदेश के पीछे तर्क यह दिया गया है कि कुत्तों को उनके प्राकृतिक पर्यावरण से अलग रखना उनके अधिकारों का हनन है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केवल वही कुत्ते जिन्हें रेबीज जैसी गंभीर बीमारी है या जिनका व्यवहार बेहद आक्रामक है, उन्हें इस आदेश से अलग रखा जाएगा। बाकी सभी कुत्तों को मानवतावादी दृष्टिकोण के साथ उपचार और नसबंदी के बाद छोड़ने की बात कही गई है।
सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने की अनुमति नहीं होगी
इसके अतिरिक्त, कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर भी रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि अब सड़कों पर या पार्कों में कुत्तों को खाना नहीं खिलाया जाएगा क्योंकि इससे कई बार दुर्घटनाएं और संघर्ष की स्थितियां उत्पन्न होती हैं। इसके स्थान पर सरकारों को “डेडिकेटेड फीडिंग ज़ोन” बनाने के निर्देश दिए गए हैं जहां नियंत्रित रूप से और सुरक्षित वातावरण में कुत्तों को खाना दिया जा सकेगा।
यह फैसला उस तब आया है जब 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने दिल्ली-NCR क्षेत्र में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ देशभर में विरोध हुआ और कई याचिकाएं दाखिल की गईं। इसके बाद मामला दोबारा न्यायालय के समक्ष आया और सुनवाई के बाद 14 अगस्त को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब इस निर्णय को सार्वजनिक कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न केवल पशु अधिकारों के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि यह नगर निकायों के लिए भी एक मार्गदर्शन है कि वे किस तरह से आवारा कुत्तों के साथ व्यवहार करें। यह निर्णय मानव और पशु के बीच संतुलन को बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।