जनसुराज पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपने 65 उम्मीदवारों की नई सूची जारी कर दी है। प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली इस पार्टी ने पहले भी उम्मीदवारों की एक लिस्ट जारी की थी, लेकिन इस बार घोषित की गई सूची को लेकर राज्य की राजनीति में एक नई हलचल देखने को मिल रही है। पार्टी का कहना है कि उम्मीदवारों का चयन सामाजिक संतुलन, जमीनी लोकप्रियता और जनसुराज अभियान के सिद्धांतों को ध्यान में रखकर किया गया है।
प्रशांत किशोर ने लिस्ट जारी करते हुए कहा कि जनसुराज पार्टी का मकसद सिर्फ चुनाव लड़ना नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति में एक नई संस्कृति लाना है। उन्होंने बताया कि पार्टी के प्रत्याशी जनता से सीधे जुड़े हुए लोग हैं, जिनका काम और योगदान जनता के बीच साफ दिखाई देता है। यह उम्मीदवार किसी जातीय समीकरण के आधार पर नहीं बल्कि उनके कार्य और ईमानदारी को देखकर चुने गए है
नई लिस्ट में युवाओं और महिलाओं को भी खास तरजीह दी गई है। लगभग एक-तिहाई उम्मीदवार 40 वर्ष से कम उम्र के हैं, जबकि कई महिलाएं भी मैदान में उतारी गई हैं। यह कदम पार्टी की उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत वह बिहार की राजनीति में नए और ऊर्जावान चेहरों को मौका देना चाहती है। जनसुराज पार्टी का कहना है कि बदलाव तभी संभव है जब राजनीति में नए लोग और नई सोच आए।
जनसुराज की इस घोषणा के बाद राज्य की अन्य पार्टियों में हलचल बढ़ गई है। जहां महागठबंधन और एनडीए दोनों ही अपने-अपने सीट बंटवारे को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, वहीं प्रशांत किशोर की पार्टी लगातार अपने प्रत्याशियों का ऐलान करके चुनावी तैयारी में आगे दिखाई दे रही है। इससे यह साफ झलकता है कि पार्टी बिहार की सभी 243 सीटों पर मजबूती से मुकाबला करने की तैयारी कर रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जनसुराज पार्टी का यह कदम जनता के बीच उसकी पकड़ मजबूत करने का प्रयास है। प्रशांत किशोर ने पिछले कुछ वर्षों में राज्य के गांव-गांव जाकर “जनसुराज यात्रा” के जरिए जो जनसंपर्क बनाया था, अब वही संगठनात्मक रूप से चुनावी मैदान में दिखाई दे रहा है। अब देखना यह होगा कि यह नई पार्टी बिहार की पारंपरिक राजनीति में कितनी गहराई तक अपनी जगह बना पाती है।