ताजमहल टूट रहा है..उसकी एक एक मिनार तोड़ी जा रही है…गुंबद तो ड्रीलींग मशीन से रौंदा जा रहा हा…हथौड़े से मजदूर ताजमहल पर बेहीसाब वार कर रहे है…ताकी ताजमहल की एक निशानी भी यहां पर ना बचे..जल्द ही ये दुनिया का अजूबा मिट्टी में मिल जाए…लेकिन ठहरीए..ताजमहल वो इमारत नहीं, जिसके दिदार के लिए पूरी दुनिया बेताब रहती है, ये ताजमहल नकली है। लेकिन इस पर हथौड़े से जो चढ़ाई हो रही है वो असली है,सफ़ेद संगमरमर से बने इस ताजमहल को हथौड़े और बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है।
राजस्थान के अजमेर में आनासागर वेटलैंड क्षेत्र में बने सेवन वंडर्स पार्क की तोड़फोड़ की कार्रवाई तीसरे दिन भी जोर-शोर से जारी है. सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के सख्त निर्देशों के बाद शुरू हुई यह कार्रवाई अवैध निर्माण हटाने के लिए की जा रही है. पार्क में दुनिया के सात अजूबों की प्रतिकृतियां (रिप्लिकास) बनाई गई थीं, जिनमें ताजमहल, मिस्र के पिरामिड, पिसा की मीनार, एफिल टावर, रोमन कोलोसियम, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी और क्राइस्ट द रिडीमर शामिल थे.अब तक पांच संरचनाओं को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है और बाकी को भी जल्द हटाने का प्रयास चल रहा है. कार्रवाई की शुरुआत में पहले दिन यानी 12 सितंबर को मिस्र के पिरामिड मॉडल से हुई. इसकी ध्वस्त करने में करीब 7 घंटे लगे. अजमेर डेवलपमेंट अथॉरिटी (एडीए) ने बताया कि यह संरचना अवैध रूप से वेटलैंड पर बनी थी, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही थी. दूसरे दिनएफिल टावर, कोलोसियम और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी जैसे मॉडलों को हटाया गया. अब तक कुल 5 संरचनाएं जमींदोज हो चुकी हैं ।
कार्रवाई के तीसरे दिन आज मुख्य आकर्षण ‘ताजमहल’ मॉडल पर फोकस है. ताजमहल को प्यार की निशानी मानते हुए बुलडोजर की जगह हथौड़ों से सावधानीपूर्वक मार्बल की स्लैब्स और गुंबद निकाले जा रहे हैं. यह प्रयास ताजमहल मॉडल को सुरक्षित रखने के लिए किया जा रहा है, ताकि मूल संरचना को ज्यादा नुकसान न पहुंचे. इसी तरह, पिसा की मीनार को भी फिलहाल खड़ा रखा गया है, लेकिन उसे निकालने का प्रयास जारी है. एडीए अधिकारियों ने पुष्टि की कि सभी मॉडल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 2022 में लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए थे, लेकिन पर्यावरण नियमों का उल्लंघन होने के कारण इन्हें हटाना पड़ रहा है
बता दें इस पार्क को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022 में उद्घाटन किया गया था, लेकिन शुरू से ही कानूनी चुनौतियां झेल रहा था.सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2025 में सुनवाई के दौरान अधिकारियों को फटकार लगाई थी और कहा था, “आपका काम अजमेर को स्मार्ट बनाना है, लेकिन ये निर्माण पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं.” कोर्ट ने 17 सितंबर तक पूरी सफाई का आश्वासन मांगा था, जिसके बाद यह कार्रवाई तेज हो गई. आनासागर झील को वेटलैंड घोषित किया गया है और यहां अवैध निर्माण पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है. एनजीटी ने पहले ही आदेश दिया था कि ये संरचनाएं हटाई जाएं, क्योंकि वे जल स्रोत को प्रदूषित कर रही थीं.जिला प्रशासन ने कोर्ट को शपथ-पत्र देकर वादा किया था कि 17 सितंबर तक पार्क पूरी तरह साफ हो जाएगा. कार्रवाई के दौरान मीडिया को क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, और भारी पुलिस बल तैनात है ताकि कोई व्यवधान न हो,यह पार्क अजमेर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल था, जहां हजारों पर्यटक आते थे.
अब इसका खात्मा होने से स्थानीय व्यापारियों को नुकसान हो सकता है, लेकिन पर्यावरणविद इसे सकारात्मक कदम बता रहे हैं. इस कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू है. कुछ इसे ‘इतिहास का अंत’ बता रहे हैं, तो कुछ पर्यावरण संरक्षण की जीत. कुछ लोगों का कहना है कि “अजमेर के 7 अजूबे तोड़े जा रहे, ताजमहल और पिसा की मीनार भी जमींदोज होगी. विपक्ष ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर सवाल उठाए हैं, जबकि प्रशासन इसे कोर्ट के आदेश के तहत आवश्यक बता रहा है. यह कार्रवाई न केवल अजमेर बल्कि राजस्थान में चर्चा का विषय बना हुआ है. पूरी सफाई 17 सितंबर तक पूरी होने की उम्मीद है
किन निर्माण कार्य में इस बात का ध्यान नहीं रखा गया…कि जीस जमीन पर ताजमहल को बनाया जा रहा है..वो इलाका कैसा हा…ये जगह आना सागर के बिल्कुल पास है..यानी वेटलैंड यहां पर निर्माण पर्यावरण कानून के मुताबिक नहीं हो सकता हा..इसी वजह से दो साल पहले एनजीटी ने सेवन वंडर्स पार्क को तोड़ने का आदेश दिया..मामला सुप्रिम कोर्ट में भी गया..लेकिन सुप्रिम कोर्ट ने भी सात अजूबो पर कोई रहम नहीं दिखाया…और आदेश को बरकरार रखा…इस पूरे मामले में हद तो तब हो गई..जब अदालत को ये बताया गया पूरे प्रोजेक्ट की आरीजनल फाईल खो चुकी है…इसलिए कोर्ट में अब तक कोई तस्तावेज नहीं दिए जा सके है…जो ये बताता है कि पूरे मामले की लीपा पोती की जा रही है…