आप आए दिन साइबर फ्रॉड की तमाम खबरें सुनते है ऐसे में सरकार इससे बचने के लिए लगातार बड़े स्तर पर काम कर रही है। इसके लिए दूरसंचार मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय एक साथ मिलकर काम कर रहे है और ऐसे में सरकार की ओर से अब तक चार पांच कदम उठाए जा चुके है। जिसके कारण इंटरनेशनल स्पूफ कॉल्स में तो 97 फीसदी की कमी आई है।
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से बीजेपी सांसद बंटी विवेक साहू के सवाल पर जवाब देते हुए बताया कि साइबर फ्रॉड जैसे मामलों में 97 फीसदी की कमी आई है। जिनमें लोगों के पास आने वाली मोबाइल कॉल्स लगती भारत की हैं, लेकिन असल में वह इंटरनेशनल कॉल होती थी। इसके लिए कायोर नाम के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर पहले दिन ही 1.35 करोड़ इस तरह की इंटरनेशनल कॉल्स को ब्लॉक किया गया। जो की इंटरनेशनल स्पूफ कॉल्स होती थी। इसके सारे गेटवे बंद कर दिए गए। अब इस तरह की तीन लाख स्पूफ कॉल्स आ रही हैं। इन पर भी काम किया जा रहा है। एक फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (FRI) नाम के सॉफ्टवेयर पर काम करते हुए सारे बैंकों से ऐसे डाटा लिए गए जिनमें लोग फ्रॉड करते थे। इन्हें तीन कैटेगिरी में रखा गया है। इसमें हाई रिस्क, मीडियम रिस्क और वेरी हाई रिस्क।
एफआरआई (FIR)से ऐसे 3.70 लाख लोगों की पहचान की गई जो बैंकों से साइबर फ्रॉड (Cyber Froud) से आए पैसों की ट्रांजैक्शन करते थे। इस पर काम करते हुए 3.04 लाख बैंक ट्रांजैक्शन( Bank Transaction) रोकी गई। 1.55 लाख बैंक अकाउंट सील किए गए। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने आरबीआई( RBI) से अपील करते हुए यह भी कहा है कि वह तमाम बैंकों से इस एफआरआई (FIR) को अपने सिस्टम में चलाएं ताकि ऐसे साइबर फ्रॉड वाले मामले और रूक सकें।
संचार साथी पोर्टल का भी किया ज्रिक
केंद्रीय मंत्री ने संचार साथी पोर्टल का ज्रिक करते हुए बताया कि दूरसंचार धोखाधड़ी के खिलाफ सरकार की लड़ाई में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। आज संचार साथी पोर्टल (Sanchar Sathi Portal) का उपयोग देश भर में 15.5 करोड़ नागरिकों द्वारा किया गया है, जो डिजिटल सुरक्षा पहलों की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
केंद्रीय मंत्री ने संचार साथी मोबाइल ऐप को हिंदी समेत 21 और क्षेत्रीय भाषाओं में लॉन्च किया है। यह ऐप अब एंड्रायड और आईओएस प्लेटफॉर्म (IOS) पर उपलब्ध है। यह एक नागरिक-केंद्रित डिजिटल सुरक्षा पहल है, जिसमें सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर, डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म, एआई (AI) आधारित पहचान प्रणाली और वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक जैसे आधुनिक तकनीकी उपकरण शामिल है, जिनकी मदद से 82 लाख से अधिक फर्जी मोबाइल कनेक्शन बंद किए जा चुके हैं। 35 लाख से अधिक चोरी या गुम मोबाइल फोनों को ब्लॉक किया गया है। जबकि 4.7 करोड़ मोबाइल कनेक्शन बंद किए गए है।
सरकार ने बताया कि तकनीक का इस्तेमाल फायदे के लिए किया जाता है, लेकिन कुछ लोग इसका दुरूपयोग भी करते हैं। उन्होंने बताया कि साइबर फ्रॉड रोकने के लिए उठाए गए चार-पांच कदमों में डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) बनाने का बड़ा फायदा मिल रहा है। इसके तहत 620 एजेंसियों में देश के सभी 36 राज्यों की पुलिस, जांच एजेंसियां, तमाम टेलिकॉम सर्विस ऑपरेटर और 570 बैंक एक ही प्लेटफॉर्म पर साथ आए हैं। इससे समय रहते सूचनाओं का आदान-प्रदान होने और साइबर फ्रॉड रोकने में खासी मदद मिल रही है।