ईरान इजरायल के बीच युद्ध विराम तो हो गया लेकिन सवाल ये उठा रहा है कि क्या ये फैसला कायम रहेगा या फिर किसी बड़े तूफान से पहले की शांति है। ये सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि जब से ईरान-इजरायल युद्ध समाप्त हुआ है तब से ही ईरान बेहद ही सतर्क है। जिसके बाद ईरान ने भी अब रूस की राह पर चलने का फैसला किया है इतना ही नहीं उसने अपने देश से अमेरिका के खिलाफ एक नई जंग भी छेड़ दी है। ईरान इजरायल से लड़ाई लड़ने के बाद अब हर उस चीज़ को संदेह की नजर से देख रहा है। चाहे वो अफगानी नागरिकों (Citizens) को जासूसी के शक में बाहर का रास्ता दिखाना हो या फिर अमेरिका के नेविगेशन सिस्टम पर संदेह करना हो। अब उसने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे अमेरिका को मिर्ची लग जाएगा और चीन खुश हो जाएगा। दरअसल अब ईरान के निशाने पर अमेरिका का नेविगेशन सिस्टम है, जिसे वो अपने सिस्टम से आउट करना चाहता है।
अमेरिकी सिस्टम होगा आउट, चाइनीज की एंट्री!
ईरान ने अमेरिका-इजरायल हमलों के बाद ईरान ने पश्चिमी तकनीकी प्रभुत्व को चुनौती देते हुए चीन के BeiDou नेविगेशन सिस्टम को अपनाने का एक बड़ा फैसला किया है। आपको बता दें कि जून 2025 में हुए 12 दिन के संघर्ष के दौरान GPS सिग्नल्स में लगातार रुकावटें ईरान के लिए गंभीर चिंता का विषय बनीं। ईरानी संचार उपमंत्री एहसान चितसाज ने इस बात को उठाते हुए कहा कि हम दूसरे विकल्प की ओर जा रहे हैं।
ईरानी संचार उपमंत्री ने दी जानकारी
ईरानी संचार उपमंत्री एहसान चितसाज ने ये भी कहा कि GPS में आने वाली दिक्कतों ने हमें BeiDou जैसे वैकल्पिक नेविगेशन सिस्टम की ओर मोड़ा। सरकार ने अपने परिवहन, कृषि और इंटरनेट नेटवर्क को BeiDou सिस्टम से जोड़ने की योजना बनाई है, जो बड़ा कदम है।
आपको बता दें कि जून में अमेरिका और इजरायल के ड्रोन और सटीक हमलों ने ईरान की सुरक्षा कमजोरियों को उजागर सबके सामने ला कर रख दिया था। परमाणु वैज्ञानिकों और सैन्य कमांडरों को निशाना बनाने के साथ-साथ टेलीकॉम नेटवर्क में संभावित घुसपैठ की आशंका भी बढ़ी। यही वजह है कि अब ईरान सतर्क हो गया है।
रूस की नक्शे-कदम पर ईरान
ईरान सिर्फ नेविगेशन सिस्टम को ही नहीं हटा रहा है। उसने एक कदम और आगे बढ़ाकर अपने नागरिकों से 17 जून को व्हाट्सएप ( WhatsApp) हटाने का आग्रह किया। व्हाट्सएप ( Whatsapp) पर आरोप लगाया जा रहा है कि ये इजरायल को संवेदनशील डेटा भेजता है। तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने भी अपने सरकारी उपकरणों में WhatsApp पर प्रतिबंध लगा दिया है। ईरान को शक है कि व्हाट्सऐप से मिली जानकारी से ही इतना बड़ा कांड संभव हो पाया। हालांकि, पहले भी ये बात कही जा चुकी है कि इजरायल गाजा में जो हमले कर रहा है…उन हमलों की सूचना भी सोशल मीडिया के जरिये ही लेता है।
क्या है चीनी नेविगेशन सिस्टम?
BeiDou, जिसे BeiDou Navigation Satellite System (BDS) के नाम से जाना जाता है, चीन द्वारा विकसित एक वैश्विक नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है। यह GPS (अमेरिका), GLONASS (रूस), और Galileo (यूरोप) जैसे सिस्टम का एक विकल्प है। BeiDou का नाम चीनी भाषा में “उत्तर तारा” (Big Dipper) से प्रेरित है। BeiDou स्थान निर्धारण, नेविगेशन, और समय (PNT – Positioning, Navigation, and Timing) सेवाएं प्रदान करता है, जो सैन्य, वाणिज्यिक, और नागरिक उपयोग के लिए हैं।