भारत का पाकिस्तान से युद्ध भले ही खत्म हो गया हो। लेकिन भारत लगातार अपनी शक्ति बढ़ाने में लगा हुआ है। ताकि वो किसी भी तरह के हमले के लिए हमेशा तैयार रहे। हर साल कुछ ना कुछ नए स्वदेशी हथियारों को देश और दुनिया के सामने लाया जाता है। भारत एक ऐसा खास हथियार लाने जा रहा है, जो चीन और पाकिस्तान के होश उड़ा देगा।
मिसाइल तकनीक के मामले में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में स्वदेशी प्रलय चीन और पाकिस्तान के होश उड़ा देगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानि DRDO ने 28 और 29 जुलाई को लगातार दो सफल फ्लाइट परीक्षण किए…यह ट्रायल ओडिशा तट के पास डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर किए गए। ये ट्रायल यूजर एवैल्यूएशन ट्रायल के तहत अधिकतम और न्यूनतम रेंज क्षमता के तौर पर किए गए। मिसाइलों ने निर्धारित ट्रैजेक्टरी को फॉलो करते हुए सटीक टारगेट को हिट किया। मिसाइल की सभी उप-प्रणालियों ने सटीक प्रदर्शन किया। मिसाइल के फ्लाइट को मॉनिटर करने के लिए इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज अलग-अलग ट्रैकिंग सेंसर शिप कई अन्य जगहों से लिए गए। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परिक्षण के लिए DRDO, वैज्ञानिकों और इंडस्ट्री को बधाई दी।
अब ‘प्रलय’ मचा देगा गदर
प्रलय (Pralay) मिसाइल शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है। यह भारतीय मिसाइल तकनीक के नए युग को दर्शाता है। ये मिसाइल DRDO ने विकसित की है और तो और ये मिसाइल तेजी से सटीक मार करने के लिए डिजाइन की गई है। प्रलय एक सतह से सतह तक मार करने वाली शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है। ‘प्रलय’ मिसाइलों की मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर तक है। यह दुश्मन के हर तरह के सैन्य ठिकानों जैसे कि उनके कमांड सेंटर और एयरबेस को निशाना बनाने में सक्षम हैं।.इसकी पेलोड क्षमता 500 से 1000 किलोग्राम तक के विस्फोटक लेकर आसानी से दुश्मन पर बरसा सकता है। इतना ही नहीं ये लॉन्च किए जाने के बाद हवा में ही अपनी दिशा बदलकर मनूवरिंग कर सकता है। इससे यह मिसाइल दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को भी चुनौती दे सकता है। इसकी रफ्तार 1 से 1.6 मैक के करीब है। यह इंटरनल नेविगेशन सिस्टम से लैस है। इस मिसाइल का वजन 5 टन है। यह कंवेशनल के साथ-साथ न्यूक्लियर हथियार ले जाने में भी सक्षम है।
चीनी DF-12 और गजनवी का बाप है प्रलय
चीन के पास DF यानी डॉंग फेंग सीरीज की बैलिस्टिक मिसाइल की भरमार है। उसने अपने ऑल वेदर फ्रेंड पाकिस्तान को भी ये तकनीक दे रखी है। चीन के पास सर्फेस टू सर्फेस शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल DF-12 मौजूद है। इसकी मारक क्षमता 400 किलोमीटर है। पाकिस्तान ने चीन से DF-11 मिसाइल की खरीद की थी और बाद में उसी में रिवर्स इंजीनियरिंग कर चीन की मदद से गजनवी नाम से शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल तैयार कर लिया। गजनवी की रेंज प्रलय से 200 किलोमीटर कम है। यह सिर्फ 300 किलोमीटर तक मार कर सकती है।
रक्षा मंत्री ने दी टीम को बधाई
अब्दुल कलाम द्वीप पर इन परीक्षणों के दौरान डीआरडीओ (DRDO) के वैज्ञानिक और भारतीय सेना, वायु सेना और रक्षा उद्योग से जुड़े अहम लोग मौजूद थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण के लिए इससे जुड़ी टीमों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि इस मिसाइल की सफलता से हमारी सेना को नई तकनीक मिलेगी…इससे वे खतरों का सामना बेहतर तरीके से कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि यह सफलता सशस्त्र बलों को ‘उभरते खतरों का मुकाबला करने में एक महत्वपूर्ण तकनीकी सहायता’ देगी।
लिहाजा अब भारत के इस प्रलय का खौफ सिर्फ पाकिस्तान और चीन में ही नहीं है बल्कि ये खौफ भारत के हर उस दुश्मन के मन में है जो भारत को लेकर नापाक इरादे रखता है। लेकिन भारत ने ये साफ कर दिया है कि वो अब हथियारों के मामले में भी किसी और पर निर्भर नहीं होगा और तो और ये प्रलय आतंकिस्तान और भारत के हर दुश्मन को चीर कर रख देगा।