अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए टैरिफ पर एक ओर जहां विपक्ष सरकार को घेरने में लगा है वहीं दूसरी ओर गुरुवार इस मुद्दे पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखा। पीयूष गोयल ने कहा कि हमारे निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है। आत्मनिर्भरता की ओर भारत, आत्म-विश्वास के साथ बढ़ रहा है।
गोयल ने यह भी कहा कि मोदी सरकार किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों, एमएसएमई और उद्योग जगत के सभी हितधारकों की रक्षा और संवर्धन को सर्वोच्च महत्व देती है। उनका कहना था कि हालिया घटनाक्रम के प्रभावों का आकलन कर रहे हैं। हम अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।
अमेरिकी टैरिफ पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा
“…2 अप्रैल 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति ने पारस्परिक टैरिफ पर एक कार्यकारी आदेश जारी किया…5 अप्रैल 2025 से 10% बेसलाइन शुल्क लागू हो गई है। 10% बेसलाइन टैरिफ के साथ भारत के लिए कुल 26% टैरिफ की घोषणा की गई। पूर्ण देश-विशिष्ट अतिरिक्त टैरिफ 9 अप्रैल 2025 को लागू होने था लेकिन इसे शुरू में 10 अप्रैल 2025 को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया और फिर 1 अगस्त 2025 तक और बढ़ा दिया गया।”
#WATCH अमेरिकी टैरिफ | केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “…2 अप्रैल 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति ने पारस्परिक टैरिफ पर एक कार्यकारी आदेश जारी किया…5 अप्रैल 2025 से 10% बेसलाइन शुल्क लागू हो गई है। 10% बेसलाइन टैरिफ के साथ भारत के लिए कुल 26% टैरिफ की घोषणा की… pic.twitter.com/wNKYyFsub4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 31, 2025
अमेरिकी टैरिफ पर सरकार गंभीर
लोकसभा में बोलते हुए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अमेरिका की ओर से लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ का सरकार गंभीरता से समीक्षा कर रही है। भारत और अमेरिका के बीच 4 दौर की बात हो चुकी है। सरकार हर वो जरूरी कदम उठाएगी जिससे भारत का राष्ट्र हित सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि हम अपने किसानों के विकास के पहले भी काम कर रहे थे और आगे भी करते रहेंगे।
‘भारत प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया “एक दशक से भी कम समय में भारत ‘फ्रेजाइल पांच’ अर्थव्यवस्थाओं में से निकलकर दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है। सुधारों, किसानों, एमएसएमई और उद्योगपतियों की मेहनत के दम पर हम 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में आ गए हैं। उम्मीद है कि कुछ वर्षों में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे। आज वैश्विक संस्थाएँ और अर्थशास्त्री भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल स्थान के रूप में देख रहे हैं…”