Trade war: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले कई दिनों से टैरिफ को लेकर जो बातें बोल रहे थे अब उन्हें सख्ती से लागू करने की शुरूआत भी कर चुके हैं. इसी क्रम में ट्रंप ने गुरुवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत 70 से अधिक देशों से आयात पर 10% से 41% तक रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए गए हैं। भारत पर सीधे तौर पर 25% टैरिफ लागू किया गया है, जिसका असर दोनों देशों के व्यापार संबंधों पर गहराई से पड़ेगा।
ट्रंप ने इसे “अमेरिका को फिर से धनवान बनाने” की रणनीति बताया है। उनके मुताबिक, कई देश अमेरिकी सामानों पर भारी शुल्क लगाते हैं, जबकि अमेरिका उनके आयात पर कम शुल्क लेता है। इस आदेश से ट्रंप वैश्विक व्यापार को अमेरिका के पक्ष में संतुलित करना चाहते हैं।
कब से लागू होगा टैरिफ
व्हाइट हाउस की ओर से जारी फैक्टशीट में बताया गया है कि यह आदेश केवल शुल्क दरों की घोषणा भर नहीं है, बल्कि इसके अमल में लाने की तारीख भी तय कर दी गई है. पहले टैरिफ 1 अगस्त से ही लागू होने वाले थे, लेकिन अब यह स्पष्ट कर दिया गया है कि टैरिफ 7 अगस्त, 2025 से लागू होंगे, लेकिन 7 अगस्त तक शिप किए गए और 5 अक्टूबर तक अमेरिका पहुंचने वाले सामानों को छूट मिलेगी। भारत समेत कई देश अब अमेरिका के साथ तेजी से व्यापार समझौते की कोशिश में हैं।
भारत समेत अन्य देशों पर लगाया गया टैरिफ
इस आदेश के अनुसार भारत पर 25% का टैरिफ लगाया गया है। ट्रंप का आरोप है कि भारत अमेरिका से आयात किए जाने वाले सामानों पर पहले से ही भारी टैक्स लगाता है, जबकि खुद के लिए व्यापार में छूट की मांग करता है। इसी तरह पाकिस्तान पर 19%, बांग्लादेश और वियतनाम पर 20%, दक्षिण अफ्रीका पर 30% और स्विट्जरलैंड पर 39% का शुल्क लगाया गया है।
अलग-अलग देशों पर लगे कुछ इस प्रकार लगाया गया टैरिफ
- 41% – सीरिया
- 40% – लाओस, म्यांमार
- 39% – स्विट्जरलैंड
- 35% – इराक, सर्बिया, कनाडा
- 30% – अल्जीरिया, लीबिया, दक्षिण अफ्रीका
- 25% – भारत, ट्यूनिशिया, ब्रुनेई
- 20% – बांग्लादेश, श्रीलंका, वियतनाम
- 19% – पाकिस्तान, मलेशिया, थाईलैंड
- 15% – इज़रायल, तुर्की, नाइजीरिया
- 10% – ब्राज़ील, यूनाइटेड किंगडम
कनाडा पर टैरिफ मार
कनाडा पर लगे 35% टैरिफ को लेकर ट्रंप प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. उनका कहना है कि कनाडा अमेरिका में फैल रही नशीली दवाओं की समस्या को रोकने में असफल रहा है. इसके साथ ही वह अमेरिकी नीतियों के विरोध में लगातार जवाबी कार्रवाई कर रहा है. इस वजह से कनाडा पर लगा टैरिफ बाकी देशों की तुलना में तुरंत, यानी 1 अगस्त से ही लागू कर दिया गया है।
चीन से नहीं बन रही बात
ट्रंप प्रशासन ने चीन को लेकर भी रुख साफ कर दिया है. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने जानकारी दी कि चीन के साथ व्यापार समझौते की बातचीत तो चल रही है, लेकिन अब तक कोई अंतिम सहमति नहीं बन पाई है। स्टॉकहोम में हुई बैठक के दौरान दोनों पक्षों में कई मुद्दों पर मतभेद रहे। चीन को 12 अगस्त तक अंतिम फैसला लेने का समय दिया गया है।
टैरिफ का फैसला क्यों लिया गया
व्हाइट हाउस के अनुसार यह निर्णय ट्रंप के पहले जारी किए गए एक्ज़ीक्यूटिव ऑर्डर-14257 पर आधारित है। ट्रंप ने बताया कि यह फैसला खुफिया रिपोर्टों और वरिष्ठ अधिकारियों की सिफारिशों पर आधारित है. उन्होंने कई देशों पर यह आरोप भी लगाया कि वे व्यापार संतुलन को लेकर गंभीर नहीं हैं और केवल बातचीत का दिखावा करते हैं। ट्रंप का दावा है कि यह कदम अमेरिका के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को दोबारा मजबूत करेगा। लेकिन आर्थिक जानकार इससे सहमत नहीं हैं. उनका कहना है कि टैरिफ का वास्तविक बोझ विदेशी कंपनियों की बजाय अमेरिकी आयातकों पर पड़ेगा। नतीजतन देश में महंगाई और उपभोक्ता वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं। फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और खिलौनों जैसी चीजों की कीमतों में पहले से ही इज़ाफा देखने को मिल रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत, ब्राज़ील, कनाडा, ताइवान, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे देशों ने अमेरिका के साथ कोई व्यापार समझौता नहीं किया है। इन देशों पर अब ऊंचे टैरिफ लागू हो चुके हैं। बता दें, ट्रंप ने पहली बार टैरिफ का ऐलान 2 अप्रैल को किया था लेकिन उसके बाद यह 9 अप्रैल और 9 जुलाई तक 2 बार टाली जा चुकी है। तो वही अब 1 अगस्त से यह नियम लागू हो गया है। ट्रंप प्रशासन ने अंतिम समय में कुछ देशों के साथ डील कर राहत दी है।
पाकिस्तान पर महेरबान हुआ अमेरिका
अपने बड़बोलेपन से मशहूर हुए ट्रंप आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान पर मेहरबान हैं. उन्होंने पहले भारत पर 25 फीसदी और पाकिस्तान पर 29 फीसदी टैरिफ लगाया. इसके बाद उन्होंने शुक्रवार को नई घोषणा करते हुए पाकिस्तान का टैरिफ घटा दिया है, जबकि भारत का हूबहू रखा है. भारत पर जहां 25 फीसदी का स्थिर टैरिफ लागू है, वहीं पाकिस्तान पर यह 29 फीसदी से घटाकर 19 फीसदी टैरिफ कर दिया है।
आपको बता दें, ट्रंप का यह टैरिफ आदेश न केवल अमेरिकी बाजार में महंगाई बढ़ा सकता है, बल्कि वैश्विक व्यापार संतुलन को भी झटका दे सकता है. भारत जैसे देशों के लिए यह मौका है कि वे अमेरिका के साथ गंभीर बातचीत करें और व्यापारिक समझौतों को नया स्वरूप दें. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन से देश ट्रंप की शर्तों के आगे झुकते हैं और कौन लंबी टक्कर की तैयारी करते हैं.