PM Modi on 50 years of Emergency: 25 जून 1975, वो रात जब भारत के लोकतंत्र को अचानक “आपातकाल” के बिस्तर में सुला दिया गया! ये वो दौर था जब देश की सत्ता ने लोकतंत्र को “थोड़ा आराम दो” कहकर स्वतंत्रता की सैर पर ताला लगा दिया। ये “आपातकाल” कोई सुपरहीरो की तरह नहीं आया, बल्कि चुपके से, रात के अंधेरे में, जैसे कोई डरावनी फिल्म का विलेन की तरह आया! आपातकाल (1975-1977) भारतीय इतिहास का वो अध्याय है, जिसे इंदिरा गांधी के नेतृत्व में लागू किया गया। ये वो समय था जब संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत “राष्ट्रीय आपातकाल” घोषित हुआ, जिसका दावा था कि देश की सुरक्षा और स्थिरता खतरे में है। लेकिन असल में, ये इंदिरा गांधी की कुर्सी और सत्ता की लड़ाई का नतीजा था, जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके चुनाव को अवैध ठहराया था।
आपातकाल (1975-1977) भारतीय इतिहास का वो अध्याय है, जिसे इंदिरा गांधी के नेतृत्व में लागू किया गया। ये वो समय था जब संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत “राष्ट्रीय आपातकाल” घोषित हुआ, जिसका दावा था कि देश की सुरक्षा और स्थिरता खतरे में है। लेकिन असल में, ये इंदिरा गांधी की कुर्सी और सत्ता की लड़ाई का नतीजा था, जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके चुनाव को अवैध ठहराया था। आइए, इस काले इतिहास की कहानी को थोड़ा खंगालते हैं, जिसमें सेंसरशिप, सियासत और संघर्ष की तिकड़ी ने भारत को 21 महीनों तक “सस्पेंस” में रखा।
क्यों है ये काला इतिहास?
- मीडिया पर सेंसरशिप: अखबारों को “हुक्म” दिया गया कि बिना सरकारी मंजूरी के कुछ भी छापना मना है।
- विपक्ष का दमन: जेपी नारायण, मोरारजी देसाई जैसे बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया। हज़ारों कार्यकर्ता बिना वजह कैद हुए।
- संविधान की ताकत पर ताला: मौलिक अधिकार, जैसे बोलने की आज़ादी, निलंबित कर दिए गए।
- नसबंदी का डर: संजय गांधी के नेतृत्व में जबरन नसबंदी अभियान चला, जिसने ग्रामीण भारत में दहशत फैलाई।
एक बार आपातकाल के दौरान एक अखबार ने सेंसरशिप के विरोध में कुछ छापने की बजाय खाली पन्ना छोड़ दिया। ये था “मौन का विद्रोह”! इस दौरान एक चुटकुले काफी मशहूर था कि “अगर आप रात को सड़क पर अकेले खड़े हैं, तो सावधान! कहीं नसबंदी की गाड़ी न ले जाए!” आपातकाल ने भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को हिलाकर रख दिया। ये वो दौर था जब सत्ता ने जनता की आवाज़ को दबाने की कोशिश की, लेकिन जनता ने 1977 के चुनाव में जवाब दिया, जब इंदिरा गांधी की सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया गया। ये सबक था कि लोकतंत्र को चाहे जितना दबाओ, वो वापस उभरकर आता है। आपातकाल सिर्फ़ इतिहास की किताबों का एक पन्ना नहीं, बल्कि एक सबक है कि सत्ता कितनी भी ताकतवर हो, जनता की आवाज़ से बड़ा कुछ नहीं।
‘The Emergency Diaries’ chronicles my journey during the Emergency years. It brought back many memories from that time.
I call upon all those who remember those dark days of the Emergency or those whose families suffered during that time to share their experiences on social…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2025
पीएम मोदी ने आपातकाल की 50वीं बरसी पर किया पोस्ट
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा कि “जब आपातकाल लगाया गया था, मैं एक युवा आरएसएस प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए एक सीखने वाला अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को संरक्षित करने की जीवंतता की पुष्टि की। साथ ही, मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उनमें से कुछ अनुभवों को एक पुस्तक के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना श्री एचडी देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो स्वयं आपातकाल विरोधी आंदोलन के दिग्गज थे।”
When the Emergency was imposed, I was a young RSS Pracharak. The anti-Emergency movement was a learning experience for me. It reaffirmed the vitality of preserving our democratic framework. At the same time, I got to learn so much from people across the political spectrum. I am… https://t.co/nLY4Vb30Pu
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2025
वहीं दूसरे पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा कि ‘द इमरजेंसी डायरीज़’ आपातकाल के वर्षों के दौरान मेरी यात्रा का विवरण देती है। इससे उस समय की कई यादें ताजा हो गईं। मैं उन सभी लोगों से आह्वान करता हूं जो आपातकाल के उन काले दिनों को याद करते हैं या जिनके परिवारों को उस दौरान पीड़ा झेलनी पड़ी, वे सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा करें। यह 1975 से 1977 तक के शर्मनाक समय के बारे में युवाओं को जागरूक करेगा।” बता दें कि देश में आपातकाल को लगे आज बुधवार को 50 साल पूरे हो गए। भाजपा इस मौके पर 25 जून को पूरे देश में ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाएगी। पार्टी देश भर में जिला और बूथ स्तर पर कार्यक्रम करेगी।