रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 6 अगस्त 2025 को अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट (Rapo Rate ) को 5.5% पर स्थिर रखने का फैसला किया है। RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है कि इस बार रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव (No Change In Repo Rate) नहीं किया गया है। इसका सीधा असर यह है कि होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन या अन्य फ्लोटिंग रेट लोन्स की मासिक किस्त (EMI) में फिलहाल कोई कमी नहीं होगी। ये ना तो कम होगी और न ही आपका बोझ बढ़ेगा।
रेपो रेट और EMI का कनेक्शन
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। इस दर में कमी होने पर बैंक आमतौर पर अपने लोन की ब्याज दरें कम करते हैं, जिससे उधारकर्ताओं की EMI कम हो सकती है। हालांकि, इस बार रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने का मतलब है कि बैंकों को सस्ता कर्ज नहीं मिलेगा, और इसलिए वे अपनी ब्याज दरों में कमी करने की संभावना कम ही रखेंगे। इस साल पहले फरवरी, अप्रैल और जून में RBI ने रेपो रेट में क्रमशः 25, 25 और 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की थी, जिससे कुल 100 बेसिस पॉइंट्स की कमी हुई। इन कटौतियों का लाभ कुछ हद तक रेपो-लिंक्ड लोन (RLLR) वाले उधारकर्ताओं को मिला, लेकिन पुराने MCLR (Marginal Cost of Funds-based Lending Rate) या बेस रेट से जुड़े लोन्स के लिए यह लाभ सीमित रहा।
भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ मजबूत
RBI Governor ने एमपीसी बैठक के नतीजों का ऐलान करते हुए कहा कि त्योहारी सीजन इकोनॉमिक एक्टिविटीज के लिए खास होता है, लेकिन अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ (Tariff) को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी है। ग्लोबल ट्रेड हालातों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में आरबीआई (RBI) ने इकोनॉमी ग्रोथ को लेकर उचित कदम उठाए हैं और ये मजबूत बनी हुई है। रिजर्व बैंक के फैसले से साफ है कि India-US के बीच टैरिफ को लेकर जब तक तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं हो जाती, केंद्रीय बैंक जल्दबाजी के मूड में नहीं है।
GDP को लेकर RBI का ये अनुमान
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करने के फैसले के बारे में बताते हुए देश की जीडीपी ग्रोथ (India’s GDP Growth) के बारे में भी अनुमान जाहिर किया। केंद्रीय बैंक ने Indian Economy पर भरोसा जताते हुए FY26 के लिए ग्रोथ अनुमान 6.5% पर स्थिर रखा है। वहीं तिमाही आधार पर Q1 मे इसके 6.5%, Q2 में 6.7%, Q3 में 6.6% और Q4 में 6.3% रहने का अनुमान जताया है। इसके अलावा अगले वित्त वर्ष में रियल जीडीपी ग्रोथ 6.6% रहने की उम्मीद जाहिर की है।
महंगाई को लेकर RBI गवर्नर ये बोले
रिजर्व बैंक ने महंगाई को लेकर जारी किए गए अपने अनुमानों के बारे में बताते हुए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि में वित्त वर्ष 2026 में महंगाई दायरे में रहेगी। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के दौरान कोर मंहगाई के 3.1% रहने का अनुमान लगाया है, जो जून में जताए गए 3.7% के अनुमान से कम है. हालांकि, गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि साल के अंत में इसमें इजाफा देखने को मिल सकता है और ये 4 फीसदी के ऊपर पहुंच सकती है। फिलहाल देश में रिटेल महंगाई का आंकड़ा देखें, तो जुलाई महीने में Retail Inflation घटकर 3.54% पर आ चुकी है, जो सितंबर 2019 के बाद से सबसे कम है।
RBI का रेपो रेट स्थिर रखने का फैसला उधारकर्ताओं के लिए तत्काल राहत की उम्मीदों पर ब्रेक लगाता है। हालांकि, यह कदम आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की दिशा में उठाया गया है। उधारकर्ताओं को अपने लोन की शर्तों की समीक्षा करनी चाहिए और भविष्य की नीतिगत बैठकों पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि रेपो रेट में बदलाव का असर उनकी EMI पर पड़ सकता है।