पूर्वी अफ्रीकी देश मेडागास्कर इन दिनों बड़े सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। हाल के दिनों में वहां की राजधानी एंटानानारिवो समेत कई शहरों में युवाओं, खासकर Gen-Z पीढ़ी, ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। यह प्रदर्शन अचानक नहीं हुए, बल्कि लंबे समय से बढ़ती बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और जीवन-यापन की बढ़ती लागत को लेकर युवाओं के भीतर पनपते असंतोष का नतीजा हैं।
इन प्रदर्शनों की शुरुआत सोशल मीडिया के जरिए हुई, जहां युवाओं ने सरकार की नीतियों पर खुलकर सवाल उठाए। खास बात यह है कि यह आंदोलन पारंपरिक राजनीतिक दलों से जुड़ा नहीं है, बल्कि स्वतंत्र रूप से संगठित युवाओं द्वारा चलाया जा रहा है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और X (ट्विटर) जैसे प्लेटफॉर्म पर “Save Our Future Madagascar” और जैसे हैशटैग तेजी से ट्रेंड करने लगे हैं, जिससे यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया।
सरकार के खिलाफ नाराजगी की सबसे बड़ी वजह आर्थिक बदहाली बताई जा रही है। देश में युवा बेरोजगारी दर काफी अधिक है और कई शिक्षित युवा नौकरियों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसके अलावा, महंगाई ने आम लोगों की जिंदगी मुश्किल बना दी है। युवाओं का कहना है कि सरकार सिर्फ वादे करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई सुधार नजर नहीं आता।
सरकार ने शुरुआत में इन प्रदर्शनों को “अस्थिरता फैलाने की कोशिश” बताया और कुछ जगहों पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। हालांकि, इससे हालात और बिगड़ गए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबरें सामने आई हैं। सरकार के इस रवैये से युवाओं में और गुस्सा फैल गया, और अब प्रदर्शन छोटे शहरों तक पहुंच चुके हैं।
Gen-Z प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका उद्देश्य सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं है, बल्कि सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। वे शिक्षा, रोज़गार और डिजिटल फ्रीडम जैसे मुद्दों पर ठोस नीति की मांग कर रहे हैं। कई युवा एक्टिविस्टों का मानना है कि मेडागास्कर की राजनीति अब पुराने ढर्रे से नहीं चल सकती, उसे नई सोच की जरूरत है।
आंदोलन की खासियत यह है कि इसमें महिलाओं और छात्रों की भी बड़ी भागीदारी है। विश्वविद्यालयों में क्लासेज़ स्थगित हो गई हैं और कई जगहों पर छात्रों ने “भविष्य हमारा है” जैसे बैनर लेकर मार्च निकाले हैं। कई स्थानीय कलाकार और संगीतकार भी युवाओं के समर्थन में आगे आए हैं, जिससे इस आंदोलन को सांस्कृतिक शक्ति भी मिली है।
दूसरी ओर, सरकार ने संवाद की पेशकश की है, लेकिन प्रदर्शनकारी तब तक बातचीत के मूड में नहीं हैं जब तक सरकार कुछ ठोस कदम नहीं उठाती। वे चाहते हैं कि भ्रष्टाचार के मामलों की जांच हो, रोज़गार योजनाएं पारदर्शी हों और इंटरनेट सेंसरशिप खत्म की जाए। कुछ नागरिक संगठनों ने भी युवाओं की मांगों का समर्थन किया है।
कुल मिलाकर, मेडागास्कर का यह Gen-Z आंदोलन सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि देश की नई पीढ़ी की चेतना का प्रतीक बन गया है। यह दिखा रहा है कि अब अफ्रीकी महाद्वीप के युवा भी लोकतंत्र, पारदर्शिता और समान अवसरों के लिए खुलकर आवाज उठा रहे हैं। आने वाले समय में यह आंदोलन मेडागास्कर की राजनीति की दिशा तय कर सकता है और शायद पूरे अफ्रीका में एक नई युवा लहर की शुरुआत बन जाए।