केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज (25 अगस्त 2025) को देश में चल रही राजनीति के विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी। एक इंटरव्यू में अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक का ज्रिक करते हुए कहा कि विपक्ष की तीखी आलोचना के बावजूद संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 पारित हो जाएगा। इस विधेयक में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को स्वतः हटाने का प्रस्ताव है, यदि उन्हें पांच साल या उससे अधिक कारावास की सजा वाले आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार और हिरासत में रखा जाता है। केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि इस बिल में असुरक्षा जैसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार होने के बाद अब जमानत मिलने तक जेल से सरकार नहीं चलेगी। यदि कोर्ट से जमानत मिल जाती है तो आप फिर से शपथ ले सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मामले में आरोप मुक्त होने पर पद बहाल हो जाएगा।
विधेयक को विस्तृत जांच के लिए संसद के दोनों सदनों के 31 सदस्यों वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेज दिया गया है। शाह ने जोर देकर कहा कि JPC एक पारदर्शी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया है जिसमें सभी पक्षों को अपनी बात रखने का मौका मिलता है. शाह ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वे इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनते तो यह उनकी जिम्मेदारी है. सरकार ने विधेयक को JPC को भेजकर एक समावेशी दृष्टिकोण अपनाया है, ताकि सभी दलों की राय सुनी जा सके. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि विपक्ष इस चर्चा में शामिल हो और अपनी राय दे. लेकिन अगर वे बहिष्कार करते हैं तो सरकार क्या करे? यह विधेयक देश के लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए है और हम इसे पूरी पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाएंगे. यह बयान उस समय आया है जब विपक्ष ने 130वें संशोधन विधेयक को असंवैधानिक बताकर इसका विरोध किया है. इस विधेयक में प्रावधान है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री गंभीर अपराध के लिए 30 दिनों से अधिक जेल में रहता है और उसे जमानत नहीं मिलती, तो उसे अपने पद से हटना होगा। अमित शाह ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य ‘संवैधानिक नैतिकता’ और जनता के विश्वास को बनाए रखना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह विधेयक सत्तारूढ़ दल सहित सभी नेताओं पर समान रूप से लागू होगा।
130वें संशोधन विधेयक पर विपक्ष द्वारा जेपीसी का बहिष्कार करने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा “जेपीसी अपना काम करेगी। मौजूदा लोग काम करेंगे। कल, अगर विपक्ष अभी से लेकर चार साल तक किसी भी काम में सहयोग नहीं करेगा, तो क्या देश नहीं चलेगा? ऐसे नहीं चलता। हम बस इतना कर सकते हैं कि उन्हें अपनी बात रखने का मौका दें। अगर वे अपनी बात नहीं रखना चाहते, अगर वे बोलना नहीं चाहते, तो देश की जनता भी ये सब देख रही है…”
#WATCH 130वें संशोधन विधेयक पर विपक्ष द्वारा जेपीसी का बहिष्कार करने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “जेपीसी अपना काम करेगी। मौजूदा लोग काम करेंगे। कल, अगर विपक्ष अभी से लेकर चार साल तक किसी भी काम में सहयोग नहीं करेगा, तो क्या देश नहीं चलेगा? ऐसे नहीं चलता। हम बस इतना कर… pic.twitter.com/3jsgScRMHE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 25, 2025
पीएम अपने खिलाफ लाए संविधान संशोधन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक पर कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वयं इसमें प्रधानमंत्री का पद शामिल किया है। इससे पहले इंदिरा गांधी 39वां संशोधन (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष को भारतीय अदालतों द्वारा न्यायिक समीक्षा से बचाने के लिए) लेकर आई थीं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जी अपने खिलाफ ही एक संविधान संशोधन लाए हैं कि अगर प्रधानमंत्री जेल गए तो उन्हें इस्तीफा देना होगा।
विधेयक पर छिड़ी तीखी बहस
शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया, जिसका उद्देश्य प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाना है यदि उन्हें पांच साल या उससे अधिक के कारावास से दंडनीय आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार और हिरासत में रखा जाता है। इस विधेयक पर तीखी बहस छिड़ गई है। विपक्ष ने गैर-बीजेपी सरकारों को अस्थिर करने के राजनीतिक मकसद का आरोप लगाया है। अमित शाह ने विपक्ष के इस दावे को खारिज कर दिया कि सरकार 130वें संशोधन विधेयक के तहत जमानत में देरी के लिए अदालतों पर दबाव बना सकती है।