Bihar Election: जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 ( Bihar Assembly Election 2025) करीब आ रहा वैसे ही राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने दाव पेचों को धार देना शुरू कर दी है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों में उथल-पुथल देखने को मिल रहा है। तो वहीं अब राजद (RJD) ने चुनाव से पहले पूरी तरह कमर कस ली है। इसी बीच पार्टी में बड़े फेर बदल देखने को मिल रहे है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने पहले सत्यानंद भोक्ता की बहू रश्मि प्रकाश को महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया और अब पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता को संगठन की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। सदर प्रखंड के कारी गांव निवासी सत्यानंद भोक्ता ने अपने इस मनोनयन को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा है कि पूरी निष्ठा के साथ संगठन के प्रति समर्पित रहूंगा।
सत्यानंद भोक्ता राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। अपने ढाई दशक के राजनीतिक करियर में उन्होंने तीन बार चतरा विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व किया है और पांच बार मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भाजपा से की थी और वर्तमान में राजद का झंडा बुलंद किए हुए हैं।
भाजपा से की शुरूआत, फिर JVM और अब हैं राजद में
आपको बता दें कि सत्यानंद भोक्ता वर्ष 2000 में पहली बार भाजपा के टिकट से विधायक चुने गए थे। उस समय झारखंड अस्तित्व में नहीं आया था। राज्य गठन के लगभग तीन साल बाद, वे अर्जुन मुंडा सरकार में पहली बार पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री बने। इसके बाद, 2005 का चुनाव जीतकर, वे दूसरी बार मुंडा सरकार में कृषि एवं गन्ना विकास मंत्री बने।
इसके बाद, वर्ष 2009 में उन्होंने चतरा की बजाय सिमरिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन वे वहां से हार गए, जिसके बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। इससे नाराज होकर, सत्यानंद भोक्ता बागी होकर झारखंड विकास मोर्चा में चले गए और चतरा से अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।
भाजपा के जयप्रकाश सिंह के हाथों भोक्ता मात खा गए। सत्यानंद भोक्ता झारखंड विकास मोर्चा को अलविदा करते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पूर्व राजद में शामिल हो गए। कुछ महीनों के बाद हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया। सत्यानंद भोक्ता एक बार फिर विधायक बनने में सफल हुए। वह राजद के एक मात्र विधायक थे, इसलिए हेमंत सरकार में श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री बनाए गए।
दो-ढाई साल के बाद जब नेतृत्व परिवर्तन हुआ और चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बने, तो उनकी सरकार में भी मंत्री बनाए गए। इसी प्रकार जब हेमंत सोरेन (Hemant Soren) जेल से वापस आए और फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए, तो उसमें भी मंत्री के रूप में अपनी उपस्थिति को बरकरार रखी। हालांकि, इस बीच वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने भोक्ता जाति को अनुसूचित से अलग करके जन जाति की श्रेणी में कर दिया।
परिणामस्वरूप वे 2024 के चुनाव में भाग्य नहीं आजमा पाए, लेकिन उन्होंने राजनीति उपस्थिति को बनाए रखने के लिए पुत्रवधू रश्मि प्रकाश को मैदान में उतारा। रश्मि प्रकाश ने विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमाया, लेकिन संयोग से जीत नहीं पाईं।
पुत्रवधू रश्मि प्रकाश महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष
पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता की पुत्रवधू रश्मि प्रकाश को भी संगठन ने फिर से बड़ा दायित्व सौंपा है। उन्हें दोबारा राजद महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। दो दिन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव ने उनका मनोनयन किया है।