CJI Sanjiv Khanna Retiring: चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के कार्यकाल आज मंगलवार 13 मई को खत्म होने जा रहा है। उन्होंने अपने कार्यकाल में ‘बातें कम, काम ज़्यादा’ का सही मतलब समझाया है। जजों के बारे में एक पुरानी कहावत है कि वह अपने फैसलों या आदेशों के जरिए ही बोलते हैं। संजीव खन्ना इस परंपरा का हमेशा पालन करते नजर आए। वहीं अपनी बात अपने आदेशों के जरिए ही कहते नजर आए। 6 महीने के कार्यकाल में उन्होंने कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए। जिसकी वजह से वह अक्सर सुर्खियों में रहे।
चीफ जस्टिस खन्ना का फैसले लेने का तरीका पूर्ववर्ती चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ से बेहद अलग था। चंद्रचूड़ खुलकर अपने विचार रखते थे, लेकिन जस्टिस खन्ना अक्सर अपने फैसलों के जरिए ही अपनी बात रखते थे। चीफ जस्टिस खन्ना 11 नवंबर, 2024 को भारत के मुख्य न्यायाधीश बने। उनका कार्यकाल केवल 6 महीने का ही रहा। लेकिन उन्होंने इसे अपने ठोस निर्णयों से यादगार और ऐतिहासिक बना दिया।
जस्टिस यशवंत वर्मा कैशकांड
दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर जले हुए कैश की बरामदगी के मामले में उन्होंने सख्त रूख अपनाते हुए सभी तथ्य सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिए। साथ ही जांच के लिए 3 जजों की कमिटी भी बनाई गई। जब रिपोर्ट में वर्मा पर लगे आरोपों साबित हुए तो उन्हें पद छोड़ने का निर्देश दिया गया। वर्मा के इनकार के बाद रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेज दी ताकि संसद में महाभियोग के जरिए उन्हें पद से हटाया जा सके।
सार्वजनिक किया जजों की संपत्ति का ब्यौरा
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों को संपत्ति का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक करने का फैसला किया। जिसके बाद 1 अप्रैल 2025 को उनकी अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को पारित किया गया। फिर सभी जजों की सपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक किया गया।
वक्फ एक्ट विवाद में अहम फैसला
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने उन्होंने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की जांच की और सरकार को कुछ प्रावधानों पर पुनर्विचार करने के लिए कहा।
मंदिर-मस्जिद विवाद
सीजेआई खन्ना ने सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए धार्मिक स्थलों के खिलाफ मुकदमों पर रोक लगाने का आदेश दिया। उन्होंने साफ कर दिया कि 1991 के प्लेसेस आफ वरशिप एक्ट की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक न तो नए मुकदमे दायर हो सकते हैं, न ही पहले दायर हो चुके मुकदमों में कोई अदालत प्रभावी आदेश दे सकती है। इसके बाद केंद्र सरकार ने खुद ही कह दिया कि फिलहाल किसी भी वक्फ संपत्ति को डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा. साथ ही, वक्फ बोर्ड और सेंट्रल वक्फ काउंसिल में अभी कोई नई नियुक्ति नहीं होगी। इसके अलावा भी वह अपने कार्यकाल में कई फैसले ले चुके हैं। CJI से पहले भी उन्होंने कई मामलों पर फैसले सुनाए।