Jagdeep Dhankar : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा 22 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद को छोड़ दिया। उन्होंने अपने पद से इस्तीफा ऐसे समय में दिया जब सदन का मानसून सत्र चल रहा है। ऐसे में विपक्ष ने इस पर चर्चाएं शुरू कर दी है।
जगदीप धनकड़ ने बीते सोमवार देर शाम राष्ट्रपति मुर्मू को पत्र लिखकर अपने स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देते हुए संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तुरंत प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जिन्होंने साल 2022 में उपराष्ट्रपति पद ग्रहण किया था जिनका कार्यकाल संवैधानिक रूप से 2027 में समाप्त होने वाला था लेकिन उन्होंने कार्यकाल खत्म होने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स पर पोस्ट कर कहा,
मानसून सत्र के शुरू होते ही उपराष्ट्रपति के इस्तीफे ने राजनीतिक में कई अटकलों को जन्म दे दिया है, क्योंकि हाल ही में उन्होंने जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम में कहा था कि वह अगस्त 2027 तक अपने पद पर रहेंगे।
सभापति का पद रिक्त हुआ
उपराष्ट्रपति के पद छोड़ने के बाद राज्यसभा के सभापति का पद भी रिक्त हो गया। उपराष्ट्रपति उच्च सदन के सभापति होते हैं। ऐसे में अब जब उपराष्ट्रपति का इस्तीफा मंजूर हो गया है तो अब मानसून सत्र में राज्यसभा की पूरी कार्यवाही उपसभापति हरिवंश नरायण सिंह चलाएंगे। इसके अलावा राष्ट्रपति की ओर से उपसभापति की अनुपस्थिति में अधिकृत सदस्य को भी यह जिम्मेदारी दी सकती है।
जल्द से जल्द कराने होंगे उपराष्ट्रपति पद का उपचुनाव
सविंधान के अनुच्छेद 68 के खंड 2 मृत्यु, त्यागपत्र या हटाए जाने या अन्य किसी कारण से उपराष्ट्रपति पद की रिक्ति भरने के लिए चुनाव उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जल्द से जल्द कराना होता है। उपराष्ट्रपति देश का दूसरा संवैधानिक पद है इनका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
कार्यकाल के बीच इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति
कार्यकाल के दौरान इस्तीफा देने वाले धनखड़ तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। इसके पहले वीवी गिरि, आर वेंटकरमन ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। जबकि पूर्व उपराष्ट्रपति कृष्णकांत का कार्यकाल के दौरान निधन हो गया था।