Rajeev Pratap एक पत्रकार थे, जिन्होंने YouTube चैनल “Delhi Uttarakhand Live” चला रखा था। उनकी रिपोर्टिंग अक्सर स्थानीय भ्रष्टाचार, सरकारी संस्थानों की अनियमितताएँ और स्वास्थ्य व शिक्षा जैसे मामलों पर केंद्रित होती थी। वह IIMC (Indian Institute of Mass Communication) से भी जुड़े थे, जैसा कि कुछ रिपोर्टों में उल्लेख है।
गुमशुदगी और शव मिलने की घटना
9 सितंबर 2025 के आसपास राजीव प्रात्यप्त गुम हुए थे—उनकी कार 19 सितंबर को भगीरथी नदी में मिली थी, और बाद में उनका शव Joshiyara हाइड्रोबैरेज (उत्तarakhand में) नदी में पाया गया।पुलिस ने प्रारंभिक रूप से कहा कि यह एक दुर्घटना हो सकती है, लेकिन परिवार ने हत्या की आशंका जताई।राजीव की पत्नी, Muskan, ने आरोप लगाया कि उन्होंने रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद धमकियाँ प्राप्त की थीं। वह कहती हैं कि उन्होंने कई लोगों के कॉल आने की बात कही थी जिनमें कहा गया था कि यदि वह रिपोर्ट नहीं हटाएंगे, तो उन्हें नुक़सान पहुँचाया जाएगा। परिवार ने यह आशंका जताई कि राजीव को अगवा किया गया हो सकता है, और कि हत्या की संभावना को भी पूरी तरह खारिज नहीं किया जाना चाहिए।विभिन्न मीडिया संगठनों और पत्रकार सुरक्षा निकायों ने इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है।
पुलिस और सरकारी कार्रवाई
उत्तarakhand पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में शरीर पर कोई चोट नहीं मिली है, और यह मामला “कार दुर्घटना” हो सकता है। उन्होंने बताया कि कार नदी में मिली थी और शव बाद में बहकर आया। लेकिन इस दावे को परिवार ने खारिज किया है, और उन्होंने सरकार तथा पुलिस से इस घटना की गहराई से, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है।मुख्यमंत्री स्तर पर भी इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
र्तमान स्थिति, निष्कर्ष और महत्व
इस समय, राजीव प्रात्यप्त की मृत्यु की सच्ची वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। परिवार का आरोप है कि उनकी पत्रकारिता के कारण उन्हें निशाना बनाया गया हो। मीडिया और नागरिक अधिकार संगठनों द्वारा इस मामले को “मीडिया स्वतंत्रता” और “पत्रकार सुरक्षा” की चुनौतियों के रूप में देखा जा रहा है। इस घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि आज भी किस हद तक पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित है, और कितनी निष्पक्षता के साथ संवेदनशील मामलों की जांच होती है।