Mansoon Session 2025 : संसद का मानसून सत्र 2025, जो 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चल रहा है, काफी हंगामेदार दिख रहा है। विपक्ष, विशेष रूप से INDIA गठबंधन, ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की रणनीति अपनाई है। विपक्ष ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद 7 मई को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग की है। वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर जवाब दें। विपक्ष का दावा है कि सरकार इन मुद्दों पर चर्चा से बच रही है, जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा हुआ और लोकसभा को कई बार स्थगित करना पड़ा। विपक्ष ने ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम को लेकर किए गए दावों पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। इसे भारत की गरिमा और सेना की वीरता से जोड़कर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य मुद्दे भी शामिल है।
इस दिन होगी सदन में चर्चा
विपक्ष के लगातार हंगामों के बीच पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा अगले सप्ताह होने की संभावना है। लोकसभा में 28 जुलाई को तो वहीं राज्यसभा में 29 जुलाई को होनी सुनिश्चित का गई है। संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर 16-16 घंटे की चर्चा के लिए सहमति बनी है। सरकार ने 21 जुलाई को कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की बैठक में ये फैसला लिया है। विपक्ष ने इस बात पर जोर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चर्चा के दौरान सदन में रहें और इस मुद्दे पर बोलें। विपक्ष ने लगातार सरकार पर पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर चर्चा को प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाया।
क्या संसद में बोलेंगे पीएम मोदी?
प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों 4 दिवसीय विदेश दौरे पर है लेकिन ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर होने वाली चर्चा में उनकी उपस्थिति की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक,पीएम मोदी लोकसभा और राज्यसभा में होने वाली 16-16 घंटे की चर्चा मे हिस्सा ले सकते है और बयान दे सकते है लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है कि पीएम मोदी चर्चा में शामिल होंगे या नहीं और बोलेंगे?
पीएम चर्चा में रहें मौजूद : विपक्ष
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने दावा किया कि हमने मांग की है कि पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)और पहलगाम आतंकी हमले पर होने वाली चर्चा के दौरान मौजूद रहें और सरकार ने हमें इसका आश्वासन दिया है। सोमवार को जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद यह BAC की पहली बैठक थी। इससे पहले, उन्होंने सदन के अजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए लगातार दो बैठकों की अध्यक्षता की थी। BAC में विभिन्न दलों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।