संसद का मानसून सत्र 2025: कब से कब तक ?
इस बार संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त 2025 तक चलेगा। यानी यह सत्र लगभग एक महीने तक चलेगा। सरकार ने इस सत्र में 16 विधेयक पेश करने की योजना बनाई है। इनमें से 8 विधेयक नए होंगे और 8 पहले से लंबित विधेयकों को दोबारा सदन में लाया जा सकता है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में आधिकारिक सूचना बुधवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा दी गई।
प्रस्तावित प्रमुख विधेयक (Bill List):
1. मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025
-मणिपुर राज्य में GST व्यवस्था को अद्यतन करने से संबंधित।
2. जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025
– पुराने नियम-कानूनों को सरल बनाने और जनता का भरोसा बढ़ाने के लिए।
3. भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) संशोधन विधेयक, 2025
-IIM की स्वायत्तता या प्रशासनिक ढांचे से जुड़े प्रावधानों में बदलाव।
4. कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2025
– टैक्स से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रियाओं में संशोधन।
5. भू-विरासत स्थल एवं भू-अवशेष (संरक्षण एवं रखरखाव) विधेयक, 2025
– भारत के भू-वैज्ञानिक स्थलों की सुरक्षा और देखरेख के लिए।
6. खनिज और खान (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025
– खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और विकास को बढ़ावा देने के लिए।
7. राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025
– खेल संगठनों के सुचारु संचालन और बेहतर प्रशासन हेतु नया कानून।
8. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025
– एथलीटों में डोपिंग रोकने के नियमों को और कड़ा बनाना।
9. गोवा विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2024
– जनजातीय आबादी के अनुसार गोवा में निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्गठन।
10. मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2024
-समुद्री परिवहन और जहाजरानी से जुड़े कानूनों को आधुनिक बनाना।
11. भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025
– बंदरगाहों के प्रबंधन और सुरक्षा से जुड़े नए नियम।
12. आयकर विधेयक, 2025
→ आयकर कानूनों में जरूरी संशोधन और अद्यतन प्रावधान।
बजट सत्र (अप्रैल 2025) की स्थिति:
संसद का बजट सत्र अप्रैल में समाप्त हुआ था। इस दौरान लोकसभा की उत्पादकता केवल 18% रही, जबकि राज्यसभा की उत्पादकता लगभग 119% दर्ज की गई। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के अनुसार, इस सत्र में कुल 16 विधेयक पारित किए गए। हालांकि विपक्ष के विरोध और हंगामे के चलते कार्यवाही प्रभावित हुई, फिर भी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित किया गया।