Sawan 2025 : सावन (श्रावण) का महीना हिंदू धर्म में भगवान शिव की भक्ति के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है, और इस दौरान मांसाहार से परहेज की परंपरा है। हाल ही में बिहार में मटन पार्टी को लेकर बवाल हुआ था ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की बड़ी आबादी इस पवित्र महीने में मांस (Meat) का सेवन नहीं करती है। यह प्रथा मुख्य रूप से भारत में प्रचलित है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत के अलावा 4 और भी देश है जहां के हिंदू समुदाय इस नियम का पालन करते है और मांसाहार से परहेज करते है।
सावन में मांसाहार छोड़ने के पीछे धार्मिक तर्क दिया जाता है, ऐसा कहा जाता है कि ये भगवान शिव का प्रिय महीना है, इसीलिए इस महीने में मीट नहीं खाना चाहिए। अगर साइंस के नजरिए से देखें तब भी मीट के बारे में ये कहा जाता है कि इसका सेवन नहीं करना चाहिए। भारत की तरह ही नेपाल, मॉरीशस, फिजी और इंडोनेशिया ऐसे हैं जहां इस दौरान एक बड़ी आबादी मांसाहार को छोड़ देती है.
1.नेपाल
नेपाल (Nepal) जहां हिंदू धर्म का प्रभाव प्रमुख है, में सावन के महीने में भगवान शिव के भक्त मांस, मछली, और अंडे जैसे मांसाहारी भोजन से परहेज करते हैं। यह प्रथा धार्मिक और आयुर्वेदिक कारणों से है, जैसे कि मॉनसून में कमजोर पाचन तंत्र और प्रजनन काल के दौरान जीवों की रक्षा। पशुपतिनाथ मंदिर जैसे प्रमुख शिव मंदिरों में इस दौरान भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है, और सात्विक भोजन को प्राथमिकता दी जाती है।
2.मॉरीशस
मॉरीशस (Mauritius) में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय रहता है, जो भारतीय मूल के हैं। सावन के महीने में यहां भी मांसाहार से परहेज किया जाता है, खासकर शिव भक्तों द्वारा। सोमवार के व्रत और सात्विक भोजन की परंपरा आम है, और लोग फल, दूध, और साबुदाना जैसे हल्के खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं।
3.फिजी
फिजी (Fiji) में भारतीय मूल के हिंदू समुदाय सावन के दौरान मांसाहार से बचते हैं। यह समुदाय, जो 19वीं सदी में भारत से आए लोगों का वंशज है, धार्मिक परंपराओं का पालन करता है। सावन में शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना बढ़ जाती है, और मांसाहार को त्यागकर सात्विक भोजन अपनाया जाता है।
4.इंडोनेशिया
इंडोनेशिया (Indonesia) के बाली द्वीप पर हिंदू धर्म का प्रभाव है, और यहां के हिंदू सावन के महीने में मांसाहार से परहेज करते हैं। बाली के हिंदू समुदाय में मॉनसून के दौरान सात्विक भोजन और उपवास की परंपरा देखी जाती है, हालांकि यह भारत की तुलना में थोड़ा अलग रूप में हो सकती है।
मांसाहार छोड़ने के पीछे का कारण
धार्मिक: सावन में भगवान शिव की पूजा के लिए शुद्धता और सात्विकता पर जोर दिया जाता है। मांसाहार को तामसिक माना जाता है, जो आध्यात्मिक प्रगति में बाधक हो सकता है।
वैज्ञानिक: मॉनसून में पाचन तंत्र कमजोर होता है, और मांसाहारी भोजन भारी होने के कारण स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। साथ ही, यह जीवों के प्रजनन काल का समय होता है।