मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aadityanath) ने आज यानी 26 जुलाई को देश की पहली एआई (AI) बेस्ड यूनिवर्सिटी का उद्घाटन किया। करीब 2500 करोड़ की लागत से 63 एकड़ में बनने वाली चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी नवाबगंज में लखनऊ-कानपुर हाईवे पर स्थित है। इस यूनिवर्सिटी के शुभारंभ से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को गति मिलेगी और यह नई ऊंचाईयों को तय करेगा। इस दौरान सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा उत्तर प्रदेश में विगत 8 वर्षों में 23 निजी विश्वविद्यालय प्रदेश में स्थापित हुए हैं आगे कहा कि पिछले 8 वर्षों में जो माहौल बेहतरीन सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था का प्राप्त हुआ, आज उसका परिणाम है कि हमें अब तक 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसमें 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को हम लोगों ने जमीनी धरातल पर उतारने का काम किया है।
योगी ने इस दौरान प्रदेश में स्थापित किया जा रहे आधुनिक सुविधाओं के साथ संचालित हो रहे विश्वविद्यालय का प्रमुखता से जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा की शिक्षा जहां मनुष्य को विकास की तरफ ले जाती है तो वही उसे राष्ट्रहित संस्कारों से ओत प्रोत करती है। विश्वविद्यालय की शुभारंभ के अवसर पर संस्कार पर विशेष जोर देते हुए मुख्यमंत्री 8 साल पहले की प्रदेश सरकार के माहौल को भी याद दिलाया।
एक संस्कारवान युवा ही भारत का भविष्य : सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नए भारत के सपने को साकार करने के नए जज्बे के साथ उत्तर प्रदेश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा याद रखना काल के चक्र की गति से तेज अगर हमने अपनी गति को किया तो वही हमारी प्रगति का द्वार भी खोलता है। सीएम ने कहा कि जहां जीवन में अनुशासन में रहने से जीवन में सुशासन का प्रवेश प्रारंभ होता है लेकिन अगर अनुशासन भंग हुआ तो दुष्शासन का प्रवेश हो जाता है और दुष्शासन के प्रवेश का मतलब महाभारत… और महाभारत केवल विनाश करता है। याद रखना एक संस्कारवान युवा ही भारत का भविष्य बन सकता है और भारत के उस भविष्य को तरासने के लिए कलम और तलवार के बेहतर समन्वय के रूप में अलग पहचान रखने वाले उन्नाव में यह चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी खुल रही है।
उन्होंने कहा, याद करिए आज से आठ वर्ष पहले उत्तर प्रदेश में कोई निवेश के लिए नहीं आना चाहता था। कोई सुरक्षित नहीं था, न बेटी सुरक्षित थी न उद्यमी सुरक्षित था आम नागरिक भय के माहौल में जी रहे थे। उपद्रव, भय और दहशत का माहैाल होने से कोई निवेश को तैयार नहीं था। भय और उपद्रव के माहौल में बेहतर भविष्य के सपने को साकार नहीं किया जा सकता। अगर भविष्य के सुनहरे सपनों को बनाना है तो उत्साहपूर्ण माहौल तैयार करना होता है।